Wednesday 9 September 2015

संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राज्यक्षेत्र

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संयुक्त राष्ट्र अनेक राष्ट्रों के संघ के रूप में काम करता है; इस्के अपने लक्ष्य और उद्देश्य है। लेकिन वास्तविकता में यह अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सक्ता, वांछित रुप से। जब तक, इस्का स्वयं का स्थायी क्षेत्र नही होता। एक क्षेत्र को स्थायी रूप से संयुक्त राष्ट्र को सौन्प दिय जये।जिस पर केवल संयुक्त राष्ट्र क नियंत्रण हो। यह दुनिया की राजधानी बन सकता है। समय परिपक्व हैं की हम दुनिया के लोग मिल्कर, संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से, हमरी दुनिया की राज्धनी की स्थापना करे।

 अवस्था

यह क्षेत्र एक या अनेक देशों से प्राप्त किया जाएगा, जिसे वह संयुक्त राष्ट्र को सौंप देंगे। मगर उसे स्थायी रूप से सौन्पा जाएगा, राजधानी की स्थापना के लिये। एक बार सौंप देने के बाद सौंपने वाले देश के सभी अधिकर इस क्षेत्र में समाप्त हो जाएगे , और वह क्षेत्र मात्र संयुक्त राष्ट्र अधिकर मै आ जायेगा। इस शेत्र मे संयुक्त राष्ट्र कि स्वयं परिचित सरकार होगी, शहरी विभाग होगा। राजनीतिक रूप से, यह एक स्वतंत्र राज्य बन जयेगा . संयुक्त राष्ट्र केवल एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ना रह कर इस दुनिया की परिचित राजधानी बन जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र की भूमि का भूगोल

कोई भी देश संयुक्त राष्ट्र की राजधानी स्थापित करने के लिए अपने क्षेत्र सुपुर्द नहीं कर सकता हैं। विभिन्न बिंदुओं पर विचार किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को सौंपे गए क्षेत्र की जमीन बंद नहीं होना चाहिए, ताके, संयुक्त राष्ट्र अपनी बंदरगाह कि स्थापना कर सकते। वहां की जलवायु अत्यंत नहीं होना चाहिए, और पूरे साल के लिए काम लायक बनी रहनी चाहिए। वह क्षेत्र अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का शिकार नहीं होना चाहिए यानी भूकंप, तूफान, बाढ़, सुनामी आदि। यह क्षेत्र अत्यन्त प्राकृतिक क्षेत्र होना चाहिए जिसके अपने वनस्पति और पशुओ कि भर्मार हो। क्षेत्र मे नदी होना बेहतर होगा। क्षेत्र में खेती, मत्स्य पालन, पर्यटन आदि पूरे साल के लिए काम लायक होना चाहए.पुरानी निवास आबादी का कम से कम होना क्षेत्र के उद्देश्य के लिए सबसे अच्छा होगा। यह साइप्रस, तस्मानिया या ताइवान द्वीप के बराबर का क्षेत्र होना चाहिए। पहले से ही विकसशील क्षेत्र इस उद्देश्य के लिए सही नहीं होगा।

समर्पण और क्षतिपूर्ति

समर्पण संयुक्त राष्ट्र के आजिवन मे अट्ल होना चाहिए। यह स्पष्ट रहे, समर्पण किया गया क्षेत्र विशेष जीडीपी बनाता है। इस जीडीपी को आधर बना कर क्षतिपूर्ति का निरणय लिया जाना चाहिए। इसके जीडीपी का एक हिस्सा समर्पण की तारीख के बाद, वार्षिक आधार पर सौंपने वाले देश को भुगतान किया जाना चाहिए। समर्पण के बाद जीडीपी में बढ़ोतरी को भुगतान के लिए आधर मे नहीं लिया जाना चाहिए। समर्पण की तारीख पर जीडीपी का जो प्रतिशत तय कर दिया गया हो, उसी राशि को भविष्य के अनुपात बदल (बढ़ाया) जाए। एक बार निर्धारित प्रतिशत भविष्य में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए। बुनियादी ढांचे मे वृद्धि के कारण जीडीपी में कोई अधिक वृद्धि केवल संयुक्त राष्ट्र की जीडीपी ही मानी जाना चाहिए।

राजनीतिक संरचना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के अध्यक्ष होने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र एक देश की तरह व्यवहार करना चाहिए लेकिन स्थायी राष्ट्रीय हित आकन्शा इत्यदि नही होनि चाहिए। क्षेत्र दुनिया की संघीय राजधानी के रूप में काम करना चाहिए। और अन्य देशों के सुशासन के लिए एक कार्यवाहक बन कर हो। संयुक्त राष्ट्र वास्तव में ही एक देश होना चाहिए। लेकिन यह केवल तटस्थ, राजधानी क्षेत्र बनकर स्थापित रहें, उसके अपने हित और राजनीतिक आकांशा नहीं होनी चाहिए। जाहिर है, यही होगा क्योकि उसका कोई स्थायी नागरिक नहीं होगा, तोसाज्य और हितों का विशय शुरू नहीं होगा। जो क्षेत्र कोई भी देश नहीं प्रप्त कर सकता है उन्हे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र माना जीएगा जैसे के अंटार्कटिका इत्यदि, इसे संयुक्त राष्ट्र कॉलोनी बन जाना चाहिए। हालांकि, उनकी यथास्थिति बनाए रखा जाए। संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र का कोई राष्ट्रीय गान या ऐसी दूसरी चीजें नहीं होना चाहिए। राष्ट्रीय भावना पैदा करने से बचने के लिए।

नागरिकता और भेट

संयुक्त राष्ट्र की धरती मे स्थायी नागरिक नहीं होने चाहिए। हालांकि, इसकी जनसंख्या के बजाय नागरिकता के लिए विशेष नियम होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के क्षेत्र में लोगों के केवल तीन प्रकार होगे।
अस्थायी नागरिक: संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों। यह संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी नागरिक बन जाएगे। उन अस्थायी नग्रिको की पिछले नागरिकता समाप्त हो जाएगी, और संयुक्त राष्ट्र की अस्थायी नागरिकता प्राप्त होगी। जब संयुक्त राष्ट्र के साथ काम खत्म होगा, ऐसा व्यक्ति अस्थायी नागरिकता समाप्त कर देगा, और फिर इसे पिछले नागरिकता हासिल होगी।
केवल संयुक्त राष्ट्र के साथ अपने काम के दौरान नागरिकता होगी. जो अस्थायी नागरिक होंगे, उनके प्रत्यक्ष रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों माध्यमिक स्तर पर अस्थायी नागरिकता मिलेगी। अस्थायी नागरिक को एक स्थायी स्थिति की अनुमति नहीं होनी चाहिए। वह काम समप्त कर देने के बाद, वह क्षेत्र छोड़ देगा।
स्थायी वीजा धारक: पहले से ही क्षेत्र में रहने वाले जो लोग होंगे। समर्पण के समय जो लोग क्षेत्र के निवासी होंगे वह अपनी पिछली नागरिकता बनाए रखेंगे। हलानके उन्हे संयुक्त राष्ट्र का स्थायी वीजा प्राप्त होगा। इस प्रकार, क्षेत्र के निवासी स्थायी वीजा धारक बंकर क्षेत्र मे रहना जारी रखेंगे। लेकिन, उनकी नागरिकता पिछली नागरिकता ही होगी, क्षेत्र सौंपने वाले देश ही की।
उनके पास सौंपने वाले देश की नागरिकता भी होगी और संयुक्त राष्ट्र का स्थायी वीजा भी होगा। स्थायी वीजा धारक भी बिल्कुल अस्थायी नागरिकता की तरह वीजा उपयोग करेंगे। लेकिन, उन्हे केवल नगर वोट की अनुमति होगी, प्रशासन में भाग नहीं ले सकेंगे। बस खुद या उनके करीबी परिवार के पुराने निवासी नागरिक स्थायी वीजा प्राप्त करने की अनुमती होगी।
यदि स्थायी वीजा धारक अपनी पिछली व्यवस्था सौंपना वाले देश मे खो देता है तो स्थायी वीजा समाप्त हो जाेगा। लेकिन सुपुर्द करने वाले देश के कानून के मतबक ऐसे व्यक्ति को भविष्य मै क्षेत्र की यात्रा करने की अनुमति के बारे मखदस कानून हूँ।अस्थायी वीजा धारक: संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र मे पढ़ने वाले छात्रों किसी कंपनी मै काम करकौं षकीक काम करने वाले वगैरह लोग होंगे।अस्थायी वीजा आगंतुकों संयुक्त राष्ट्र सौंपा, प्रतिनिधिमंडल, अंतरराष्ट्रीय मिलो, पर्यटन आदि भी होंगे।हलानके अस्थायी वीजा धारकों को स्थायी रूप से निवास करने की अनुमति नहीं होगी, और ानखे अपने काम खत्म करने के बाद जाना होगा, ऐसे लोग जिनके होने एक विशेष अवधि गुज़ारी होगी ानखे भविष्य मे अस्थायी वीजा दे जाने की सुविधा होगी। मात्र स्थायी वीजा धारकों ही क्षेत्र मै हमेशा के रूप में रह सकेंगे, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करे या नहीं।

जन्म और मृत्यु

संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के अंदर पैदा हुए बच्चे अस्थायी नागरिकता प्राप्त नहीं कर स्केंगे. सरफ संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले माता पिता से उत्पन्न बच्चों, तुरंत संयुक्त राष्ट्र अस्थायी नागरिकता प्राप्त होगी. जस समय उनके माता पिता नागरिकता खो देंगे उनकी भी अस्थायी नागरिकता समाप्त हो जयेगी और अपने माता पिता के समान माता पिता की पिछली नागरिकता हासिल होगी। स्थायी वीजा धारक को पैदा हुए बच्चे को स्थायी वीजा प्राप्त होगा, और समर्पण करने वाले देश की नागरिकता भी।
संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के अनदर मर जाए तो कोई भी व्यक्ति जो धर्मनिरपेक्ष जमीन में दफन करने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए, या क्षेत्र के अंदर श्मशान में जलाया जाना चाहिए। अगर ऐसे म्रुतक के रिश्तेदार चाहे तो  उन को कब्र इत्यदी पर आने के लिए वीजा दिया जए। संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के अंदर कैदी अपने कार्यकाल मै मर जाता है तो शरीर व्यक्ति के मूल देश में वापस आ जाना चाहिए, और इस व्यक्ति को संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के अंदर दफन करने की अनुमति नहीं दी जाना चाहिए। पहले से मौजूद कब्रिस्तान मौजूद रखा जाना चाहिए, लेकिन दफनाने के लिए केवल स्थायी वीजा धारक को ही अनुमति दी जाए। संयुक्त राष्ट्र अस्थायी नागरिक उन्हें इस जमीन में दफन करने का अधिकार नहीं होना चाहिए, केवल धर्मनिरपेक्ष जमीन में दफन उनके लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ऐसे मौजूदा कब्रिस्तान मै अस्थायी नागरिकों को दफनाने की इजाजत होनी ही नहीं चाहिए तब भी जब उनका धर्म एक हो, अस्थायी नागरिक केवल धर्मनिरपेक्ष कब्रिस्तान मे ही दफनाया जाये।


इंफ्रास्ट्रक्चर

इस तरह से आधारित होना चाहिए कि वहाँ हवाई अड्डे तैयार किये जा सकते हैं, और उञ्चि बढ़ती विकास इमारत बनायी जा सके। ताकि संयुक्त राष्ट्र अपने धन पर ही चलता रहे इसके अपने धन बनाने के सूत्र होना चाहिए। खेती, मत्स्य पालन, खनन, बिजली उत्पादन, चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, कई शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, कॉर्पोरेट और आईटी पार्क, होटल, पर्यटन, वाणिज्यिक क्षेत्रों आदि
 

संस्थान

संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रमुख संस्थानों को इस क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। क्षेत्र रेल, सड़क, हवाई ज़ारे सभी बड़े पास के शहरों के साथ समुद्र कनेक्शन होना चाहिए। क्षेत्र मे इसके वनस्पति और पशु के साथ अपना प्राकृतिक रिजर्व होना चाहिए, ताकि इसे सुरक्षित रखा जा सकता है। 


न्यायतन्त्र

अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के ज़रिये से रज्य शेत्र मे न्यायिक प्रणाली का गठन किया जाना चाहिए। जो अंतरराष्ट्रीय अपराधियों अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटा जाए। दुनिया में कहीं भी कोई व्यक्ति अपराध अंजाम दे (आतंकवाद, बंधन, गैर मानवता, परमाणु खतरों आदि) जिन के नये नियम देशों में तैयार नहीं हैं, ऐसे व्यक्ति संयुक्त राष्ट्र को दिया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराध मै पाकडा जाए तो उसे संयुक्त राष्ट्र के हवाले किया जाना चाहिए ताके उसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सजा हो सके.
यदि कोई देश ऐसे अपराधियों के साथ अपने देश के कानून के मुताबिक निपटना चाहे तो उसे अनुमति होगी, लेकिन एक बार ऐसी कारवाखी शुरू कर देने के बाद फ़िर वह देश इस मसाले को अंतरराष्ट्रीय साबित करने की कोशिश नहीं कर साकेगा। केवल अंतरराष्ट्रीय अपराध के मामले ही संयुक्त राष्ट्र सुनवाई के लिए हो गे और साथ ही ऐसे मामलों मे किसी भी देश का या उनके कानून का कोई दखल बाकी नहीं रहेगा।


उद्योग और कंपनी

पूर्व स्थापित कंपनी औद्योगिक और मौजूदा संस्थानों अपना टैक्स / गुणा जिसमे राष्ट्रीय और राज्य कर होंगे वे सारे समर्पण करने वाले देश को ही भुगतान करेंगे, बस स्थानीय करों को ही संयुक्त राष्ट्र को भुगतान करे गे। इसके अलावा कोई नई कंपनी उद्योग या संस्था अपने सभी करों मात्र संयुक्त राष्ट्र को ही भुगतान करेगा।


वित्त और मुद्रा


संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के लिए एक नई मुद्रा (संयुक्त राष्ट्र डॉलर) तैयार किया जाना चाहिए जिसे किसी और मुद्रा से बदला जा सके। लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार बाजार मै प्रयोग नहीं किया जयेगा। इसका उद्देश्य केवल संयुक्त राष्ट्र मै उप्योग किये जाने के लिए हो या क्षेत्र से व्यापार के लिए हो। इसके अलावा कोई दूसरा काम न हों। एक केंद्रीय संयुक्त राष्ट्र बैंक का गठन किया जाए जो संयुक्त राष्ट्र डॉलर के बारे में और दुसरे कर्यो मे फैसला ले सके।


टैक्स

लोगों पर कर लगु किया जा सकता है। स्थायी वीजा धारक के लिए टैक्स के मामले विशेश विचार हो, जो स्थानीय स्तर पर लिया जाएगा। वार्षिक मुआवजा सौंपने वाले देश के टैक्स वासुलने के सभी विकल्प समाप्त कर देगा। लेकिन स्थायी वीजा धारक बकी देशवासियों के साथ अपने राष्ट्रीय और राज्य कर सौंपने वाले देश को ही देंगे, इस मामले मे संयुक्त राष्ट्र का कोई दखल नहीं होगा।
सौपन करने वाला देश स्थायी वीजा धारकों पर केवल राष्ट्रीय और राज्य कर लगू कर सकेगा, सभी स्थानीय करों संयुक्त राष्ट्र के ही होंगे। उनके अलावा क्षेत्र मै वार्षिक स्तर पर कमया गया धन पर टैक्स का अधिकार केवल संयुक्त राष्ट्र का ही होगा।


भाषाएँ

पहले से प्रचलित भाषा और बोली को संयुक्त राष्ट्र के क्षेत्र में सरकारी दर्जा दिया जाना चाहिए। जबकि संयुक्त राष्ट्र के अन्य आधिकारिक भाषाओं उचित रूप से लागू किया जाना चाहिए। हालांकि, स्थायी वीजा धारकों को किसी भी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का अध्ययन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, न शिक्षा के क्षेत्र में और न ही किसी अन्य सरकारी कामकाज में न। हालांकि, सभी अस्थायी नागरिकों, उनकी शिक्षा में स्थायी वीजा धारक की भाषा सीखने से रोका जाएगा। इसके बजाय, उन को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा सिखाया जाना चाहिए। संकेत जानकारी और स्थानीय बोर्ड स्थानीय भाषा का सम्मान स्थापित रखेंगे।


धर्म


संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र मे कोई स्थायी धार्मिक स्थल, मस्जिदों, चर्च, आराधनालय और मंदिर नहीं होगा। सिवाय उनके जो समर्पण की तारीख के समय मौजूद थे। सभी अस्थायी नागरिकों को निजी तौर पर उनके धर्म का पालन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर कुछ कार्यालय (सामुदायिक हॉल) किराए पर लें तो उन को पूजा इत्यदी करने का अधिकार प्रदान किया जाए, लेकिन यह स्थायी पूजा के स्थान के रूप में नामित नहीं किया जाना चाहिए।


नाम, निर्माण, क्षेत्र और संभव स्थान

याह तो, स्थानीय नाम संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र के लिए बनाए रखा जाना चाहिए, या एक गैर विवादास्पद नाम एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता से पारित किया जाना चाहिए। अगर हम अगले पांच से आठ साल के लिए काम करते हैं, तो हम संयुक्त राष्ट्र के लिए इस तरह का एक क्षेत्र स्थापित कर सकते हैं। संभावित स्थान पूर्वी उत्तरी अमेरिका, पुर्तगाली समुद्र, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया या भूमध्य क्षेत्र या किसी अन्य तटस्थ क्षेत्र हो सकता है।


अस्तित्व

क्षेत्र स्थायी रूप से संयुक्त राष्ट्र को दिया जाएगा जब तक के लिए जब तक हम समझते है संयुक्त राष्ट्र बाकी रहेगा। ऐसा न हो, मगर कभी भविष्य मे अगर ऐसा होता भी है तो संयुक्त राष्ट्र को समाप्त कर दिया जाए तो इस क्षेत्र को सौंपने वाले देश को लौटा दिया जाएगा, वह भी केवल उस स्थिति मे जबके यह बात तय हो चुकी हो के संयुक्त राष्ट्र की जगा कोई अन्य संगठन भी नहीं शुरू की जा रही हो। ऐसा शायद ही कभी हो सकेगा, क्यू कि दुनिया जब संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र से लाभान्वित होने लगेगी तब कोई अच्छी राजनीति नहीं चाहेगी उसे खत्म किया जाए।
रोमन कैथोलिक चर्च ने भी ऐसी जरूरत महसूस की थी, संयुक्त राष्ट्र के प्रभाव और विकल्प रोमन कैथोलिक चर्च से हर हाल मे अधिक है तो यह बात तय है के संयुक्त राष्ट्र की भी अपनी जमीन हो। रोमन कैथोलिक चर्च भी जमीन होने से बेहतर नतीजे सामने लाता है तो संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र भी अच्छा परिणाम ही देगा। हमे इस दुनिया की जनता को अब इस वैश्वीकरण के युग मै खुद के लिए एक राजधानी की गंभीर जरूरत हैं।


संयुक्त राष्ट्र राहत और अस्थायी सौपन

विकास कर रहे देशों और वो देशों जिन्होंने विकास ही नहीं किया दोनों को विकास की मंजिल नहीं मिल पाई हैं। जैसा उनके बारे मे तय किया गया था। इसी कारण के आधार पर यह एक नया समाधान अपनाना चाहिए। जो क्षेत्र सबसे अधिक कमजोर और पिछडे हो उसे चुनकर संयुक्त राष्ट्र को अस्थायी तौर से संयुक्त राष्ट्र को सौंप देना चाहिए।ऐसा सिर्फ ऊपर कहे गए दो प्रकार के ही देश कर सकेंगे। इसे जरूरत के मतबक पांच से पचास सालो के लिए सौपा जाएगा। उसके निवासियों को संयुक्त राष्ट्र की अस्थायी नागरिकता दी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र फ़िर इस क्षेत्र मे विकास कार्य करेगा, परिणाम आ जाने के बाद और दिन पूरे हो जाने के बाद इस शेत्र को फिर ऊस देश को लौटा दिया जाएगा। राहत के बजये इस विधि का प्रयोग किया जाना चाहिए। निवासी जनाता जिन्हे संयुक्त राष्ट्र अस्थायी वीजा प्राप्त होगा उन को संयुक्त राष्ट्र के अन्य क्षेत्रों मे भी आने-जाने की आजादी होगी। सभी अस्थायी क्षेत्रों और स्थायी संयुक्त राष्ट्र शेत्र मे भी।

२०० से ज्यदा इस प्रकार परियोजना न शुरू के जाए। उनमे से भी ८० देशों के हो जो अभी विकस कर रहे हैं और १२० उनके देश के जो विकास नहीं कर पाए हो। अस्थायी समर्पण करने वाले देश उनके निवासियों पर राष्ट्रीय और राज्य टैक्स लगा सकेंगे लेकिन स्थानीय कर नहीं। संयुक्त रष्ट्र के आधार पर प्राप्त हुए धन मै से ३०% हिस्सा संयुक्त राष्ट्र के खजाने मै जाएगा जबके ८०% उस शेत्र के खजाने मे जयेगा ताकि वह आगे भी अपने लिए ऊसे प्रयोग कर सके। संयुक्त राष्ट्र बाकी ८०% धन प्रयोग किसी अन्य शेत्र मे नहीं कर सकेगा, ताके एक स्थान का धन को दूसरे स्थान पर जाने से रोका जाए। एक बार प्रतिफल समप्त हो जाय तो अवधि को बढ़ाया नहीं जाएगा बलके शेत्र उस देश को लौटा दिया जाएगा। ऐसी योजना औद्योगिक बढ़ावा हो सकता है या जंगल की रक्शा या समुद्र तटीय वनस्पतियों की सुरक्षा, या कोई राष्ट्रीय उद्यान या कोई ऐतिहासिक स्थान का रखरखाव। 
ऐसे क्षेत्रों के कानून संयुक्त राष्ट्र स्थायी शेत्र से कुछ अलग हो सकते है लेकिन वो संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य के हित मे होने चाहिए। 

दूसरे दर्जे के स्थायी क्षेत्र

अगर इस बात पर गठबंधन हो जाए तो दुनिया के विभिन्न क्षेत्र में भी कुछ और क्षेत्र स्थायी रूप से संयुक्त राष्ट्र को दे सकते है तो इस कानून की गुंजाइश बाकी रखनी चाहिए। लेकिन ऐसा काम कब्जे दायित्व की शैली न किया जाये, बलके कल्याणकारी तर्ज पर हो।


आदर्शलोक

दुनिया की राजधानी के रूप में यह एक आदर्श्लोक बन जाएगा, मानव सभ्यता का स्तर!





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